प्रहरी संवाददाता, मुंबई। मॉरिस कॉइन क्रिप्टो करेंसी केस में धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमडी निषाद के. और उनके सहयोगियों की संपत्ति कुर्क की है। लगभग 1200 करोड़ रुपये की क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी के एक मामले में कुर्क की गई संपत्तियों की कीमत 36,72,47,752/- रुपये आंकी गई है।
ईडी ने 25,82,794 रुपये मूल्य के विभिन्न क्रिप्टो करेंसी भी बरामद की है। ठगों ने इस रकम का उपयोग विभिन्न अन्य क्रिप्टो मुद्राओं को खरीदने में किया। इसके अलावा, लक्जरी कार और लग्जरी होटल्स एवं रिसॉर्ट्स पर खर्च किए गए।
ईडी ने केरल पुलिस की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की
थी। केरल पुलिस ने मलप्पुरम, कन्नूर और विभिन्न जिलों में कई प्राथमिकी दर्ज की हैं। ईडी ने केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली में कई आवासीय और कार्यालयीन परिसरों में तलाशी अभियान चलाया। यहां कई करोड़ रुपये की अचल संपत्ति की पहचान की गई है।
प्राथमिकी के अनुसार, 900 से अधिक निवेशकों ने इस क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज में 1200 करोड़ रुपये का निवेश किया था। अब तक की जांच में सामने आया है कि निषाद के. ने मेसर्स लॉन्ग रिच ग्लोबल, मेसर्स लॉन्ग रिच टेक्नोलॉजीज और मेसर्स मॉरिस ट्रेडिंग सॉल्यूशंस के नाम पर निवेशकों से यह राशि एकत्र की थी।
मॉरिस कॉइन क्रिप्टो के लॉन्च के लिए इनिशियल कॉइन ऑफर की आड़ में निवेशकों को आकर्षित किया गया था। निवेशकों को बहुत अधिक रिटर्न का वादा किया गया था।