नई द्ल्ली। अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले में कामेंग नदी का पानी अचानक काले रंग का हो गया, जिसकी वजह से हजारों मछलियों की मौत हो गई। सरकारी अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है।
बता दें कि कामेंग नदी भारत-तिब्बत सीमा के दक्षिण तिब्बत पर स्थित गोरी चेन पर्वत के नीचे तवांग में हिमनद झील से निकलती है। कामेंग नदी ब्रह्मपुत्र नदी से जुड़ने से पहले अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले और असम के सोनितपुर जिले से होकर बहती है। असम में नदी को जिया भराली कहा जाता है।
जिला मत्स्य पालन अधिकारी ने कहा कि कुल घुलित पदार्थों (टोटल डिसॉल्व्ड सब्स्टैंस यानी टीडीए) की मात्रा बढ़ने के कारण पानी का रंग काला पड़ गया है। हालांकि संभावना यह भी जताई जा रही है कि ऊपरी जिलों में भारी भूस्खलन के कारण भी नदी का पानी काला हो सकता है।
जिला मत्स्य विकास अधिकारी हाली ताजो ने कहा कि जिला मुख्यालय सेप्पा में नदी में हजारों मछलियों की मौत हुई है। कामेंग नदी का टीडीएस स्तर करीब 6,800 मिलीग्राम/लीटर है। इस घटना के बाद कामेंग नदी से मछली पकड़ने और बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई है।