पांच साल में कुल 3,094 शिकाय़तें मिली हैं, सीबीआई ने 56 मामले दर्ज किए
प्रहरी समाचार, मुंबई। केंद्र सरकार ने जब से सत्ता हासिल किया है, तब से भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने व पारदर्शी प्रशासन का ढिंढोरा बजाया जा रहा है। बैंकिंग व्यवस्था को सुधारने व एनपीए की समस्या को दूर करने के दावे किए जाते रहे हैं। लेकिन सरकार के सभी दावे झूठे साबित हो रहे हैं। पिछले पांच साल में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कुल 3,094 शिकाय़तें मिली हैं, लेकिन सीबीआई ने साल 2016 से अब तक आईएएस अधिकारियों के खिलाफ केवल 44 मामले और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा, बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। तीन साल में ही शिड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों को 5,85,473 करोड़ रुपये का कर्ज राइटऑफ करना पड़ा है।
कार्मिक मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में फरवरी महीने तक आईएएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुल 581 शिकायतें मिली हैं। हालांकि इससे पहले वित्त वर्ष के मुकाबले यह आंकड़ा कम है। सीबीआई ने वर्ष 2016 से अब तक आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कुल 44 मामले और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए हैं। पिछले पांच साल में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कुल 3,094 शिकाय़तें मिली हैं, लेकिन सीबीआई ने साल 2016 से अब तक आईएएस अधिकारियों के खिलाफ केवल 44 मामले और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए हैं।
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों और विभागीय शिकायतों के बारे में ब्यौरा मांगा गया था। मंत्री ने कहा कि साल 2019-20 में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कुल 753 शिकायतें मिलीं हैं, जबकि वर्ष 2018-19 में कुल 653 शिकायतें आई थीं। उससे पहले वर्ष 2017-18 में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ 623 और वर्ष 2016-17 में 484 शिकायतें मिलीं थी।