चौकीदारी का ही काम किया है भिया…
चोरों के सरदार ने चौकीदारी का ही तो काम किया है भिया। मिया चौकीदार जो है, अपने कॉर्पोरेट मालिकों की जेब नहीं कटने देगा….गरीबों की तिजोरी भले ही उड़ा ले जाए….
खैर बनिया निजाम ने 70 साल बाद किसानों और जवानों को आपस में भिड़ा दिया है और खुद लेजर बीम की तरंगों पर संगीत लहरियों का मजा काट रिया है। अरे हां…., सुनो….चौकीदार ह… रामी, हमारे जवानों की सैलरी भी काट रिया है….
आप पूछोगे, मैं जे बात दावे के साथ कैसे कह सकता हूं भला…जे बात है….तो भिया आप खुद ही सेना और अर्धसैनिक बल में काम करनेवाले किसी भी जवान से पूछ ल्यो…
वही असल बात बताएगा कि कोरोना काल में उनका अब तक कितना रुपैया जबरन काटा गया है इस निजामशाही में…. इनकी सैलरी जो है…वह जबरन काट कर ही मिल रई है….
वइसे सच कहूं, तो कह ही देता हूं…कुछो दिन पहिले हमई से एक इस्पेसल टरेन में इक सीआरपीएफ का जवान भेटाय गया था….वह कहने लगा कि उन लोगों को सरकार निजामशाह की तरफ से कउनौ बेनिफिट नहीं मिल रहा है…..टैक्स बेनिफिट भी भी तो नहीं मिलता।
कोरोना माई के भौकाल के लिए जवानों के बैंक खातों से जबरन 30-30 हजार रुपैया कट चुका है और जल्द ही 22 हजार रुपैया का टैक्स अलग से कटेगा। इस साल में उसकी जेब से 55 हजार रुपया जबरन घसीट गया….औरंगजेब की सरकार में जइसा होता था न…वइसा ही अब भी होई रहा है…..
खैर….चूना लगाइ के…..यह तो निचले स्तर पर काम करनेवाले जवान की परेशानी हुई। थर्ड, सेकेंड और फर्स्ट क्लास के अधिकारियों की क्या पूछें….वे बड़े लोग हैं…उनकी बड़ी बात होवे है….खुल कर नहीं बताते…