नई दिल्ली। बाबा रामदेव ने कोरोना महामारी का सफल इलाज करने का दावा करते हुए कोरोनिल नाम से एक दवा बाजार में उतारी थी। लेकिन इस दवा को लेकर उन्हें चौतरफा हमलों का सामना करना पड़ रहा है। आयुष मंत्रालय ने भी इस दवाई को मंजूरी दिए जाने से पल्ला झाड़ लिया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव की काफी किरकिरी हुई। हालांकि बाद में आयुष मंत्रालय की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया। इस बीच, बाबा रामदेव ने उनकी आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि नफरत करने वालों को निराशा मिलेगी।
बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद की ओर से ‘दिव्य कोरोना किट’ का विज्ञापन प्रसारित हो रहा था। इस विज्ञापन पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी थी। मंत्रालय ने रामदेव की कंपनी से दवा के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा कि रामदेव को अपनी दवा की घोषणा मंत्रालय से इजाजत लिए बिना नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘हमने उनसे जवाब मांगा है। पूरा मामला टास्क फोर्स के पास भेजा गया है।’ दरअसल, आयुष मंत्रालय ने अब कहा है कि उसे दवा के क्लिनिकल ट्रायल संबंधी सभी दस्तावेज मिल गए हैं और वह शोध के नतीजों के सत्यापन के लिए इन दस्तावेजों का अध्ययन करेगा।
आयुष मंत्रालय की ओर से इस पत्र के आते ही बाबा रामदेव की प्रतिक्रिया भी आ गई। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का विरोध एवं नफरत करने वालों के लिए यह घोर निराशा की खबर है। मंगलवार को दवा लॉन्च करते समय रामदेव का दावा था कि इस दवा से कोरोना के माइल्ड से मॉडरेट केसेज 3 से 7 दिन में रिकवर हो जाते हैं। उन्होंने ट्रायल के नतीजों का हवाला देते हुए यह दावा किया था। पतंजलि की ‘दिव्य कोरोना किट’ में तीन चीजें हैं- कोरोनिल, श्वसारि वटी और अणु तेल। कंपनी के अनुसार, कोरोनिल टैबलेट में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा मूल घटक हैं।