मुंबई। पिछले साल कोविड महामारी से लगाए गए लॉकडाउन के बाद अधिकांश भारतीय महिला कर्मचारियों को अपना कैरियर बीच में ही छोड़ देना पड़ा। लगभग 71 फीसदी कार्यालयों में कामकाजी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की मौजूदगी दर अब केवल 11 प्रतिशत रह गई है। महिलाओं में बेरोजगारी की दर 17 फीसदी रही, जबकि पुरुषों की बेरोजगारी दर 6 फीसदी है। हालांकि सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आया है कि कोविड-19 के दौर से निकलने के लिए संघर्ष कर रही अधिकांश महिलाएं अब अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देने के साथ ही कोई नया कारोबार शुरू कर आत्मनिर्भरता हासिल करने व उद्यमी बनने के सपने देख रही हैं।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड महामारी ने श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी की दर को कम कर दिया है। कंपनियों के बंद हो जाने व अचानक नौकरी से हाथ धो बैठने से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ा है।
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