नई दिल्ली, २१ अगस्त २०२४। एससी-एसटी आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया। देश भर के 21 संगठनों की तरफ से यह बंद आयोजित किया गया था। संगठनों का कहना था कि अदालत के इस फैसले से आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी। भारत बंद का असर देश के कई राज्यों में देखने को मिला। बंद को कई राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला। भारत बंद का असर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान जैसे कई राज्यों में देखने को मिला।
हालांकि इस बंद को लेकर राजनीति भी तेज़ हो गई है। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भारत बंद का विरोध किया और इसे अनैतिक और स्वार्थी करार दिया, तो वहीं चिराग पासवान ने बंद को नैतिक समर्थन दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक नितिन राउत ने कहा कि केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस ने एससी-एसटी समुदाय के लिए ‘फूट डालो और राज करो’ की भूमिका निभाई है।
राजधानी लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता अपना झंडा लेकर बंद के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हुए। बाबासाहब आंबेडकर की मूर्ति के सामने धरना दिया। भारत बंद के दौरान कई जगहों पर हाइवे जाम किया गया। बंद का असर बिहार और झारखंड में ज़्यादा दिखा। इन दोनों राज्यों में यातायात समेत कई सेवाएं प्रभावित रहीं। बिहार में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया।