हर्षवर्धन सपकाल ने लगाए आरोप:
- “GST को गब्बर सिंह टैक्स में बदला गया”
- महँगाई और किसानों की समस्या बढ़ी
- प्रधानमंत्री के भाषण में खाली वादे
✍🏻 प्रहरी संवाददाता, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक बार फिर GST दर कम करने का श्रेय लेने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इसे “जनता को गुमराह करने वाली हरकत” करार दिया।
सपकाल ने कहा कि 2017 में मोदीजी ने ही GST को अत्यधिक बढ़ी दरों पर लागू कर उद्योग, व्यापारी और आम नागरिकों पर बोझ डाला था, जिससे आठ साल तक आर्थिक लूट हुई।
कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि दर कटौती का आज का श्रेय लेने वाले प्रधानमंत्री को पिछले आठ वर्षों में उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों से वसूली गई रकम की जिम्मेदारी क्यों नहीं लेनी चाहिए। GST संग्रह अब 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, लेकिन इसका बोझ हमेशा आम जनता और छोटे व्यवसायियों ने उठाया।
प्रदेशाध्यक्ष ने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने पहले ही इसे “गब्बर सिंह टैक्स” कहा था और दर घटाकर जनता की लूट रोकने की लगातार मांग की थी। सपकाल ने यह भी आरोप लगाया कि पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों पर प्रधानमंत्री आज भी चुप हैं, जबकि जनता को स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का उपदेश दिया जा रहा है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा,“आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाने वाले खुद विदेशी गाड़ियां, घड़ियां और फ़ोन इस्तेमाल करते हैं, और ऐशो-आराम की ज़िंदगी में डूबे हैं। जब आज ‘बचत महोत्सव’ मना रहे हैं, तो पिछले आठ साल ‘लूट महोत्सव’ क्या नहीं थे?”
सपकाल ने प्रधानमंत्री के भाषण में उत्साह और आत्मविश्वास की कमी को देशभर में बढ़ती नाराज़गी और “वोट चोर, गद्दी छोड़” नारे का प्रतिबिंब बताया। उनका कहना है कि महंगाई, बेरोज़गारी और किसानों की समस्याओं पर ईमानदार कदम उठाने की बजाय जनता को भ्रमित करने वाले भाषण देना सरकार की प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए।