मुंबई, 11 नवंबर 2024। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी पर समाज को जातियों में बांटने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री के इस आरोप के बाद कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी ने भी पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री और बीजेपी पर जातीय जनगणना के खिलाफ होने का आरोप लगाया। इस मुद्दे पर कांग्रेस काफी आक्रामक दिखाई दे रही है।
दरअसल, “बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे” के हिंदुत्व के नैरेटिव की काट के लिए कांग्रेस मौके की तलाश में थी। कांग्रेस को लगता है कि महाराष्ट्र सामाजिक न्याय की धरती रही है। यहां से छत्रपति शाहू जी महाराज और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर पिछड़े-दलितों के पुरोधा हैं। कांग्रेस अब इसी नैरेटिव के जरिए सियासी फायदा लेने की फ़िराक में है।
इसके अलावा, राज्य में मराठों की आरक्षण की मांग के मुद्दे को भी भुनाने की कोशिश कर रही है। आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा तोड़ने के वादे के साथ संतुष्ट भी किया जा सकता है। कांग्रेस को लगता है कि जातीय जनगणना और आरक्षण सीमा तोड़ने से दलितों और पिछड़ों के आरक्षण में कोई फर्क नहीं पड़ेगा और संख्या के हिसाब से आरक्षण की चाहत रखने वालों की मांग पूरी की जा सकती है।