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नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथियों की सफल वापसी

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  • स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन ने सफलतापूर्वक की पृथ्वी पर वापसी

  • मिशन की लागत 10,500 करोड़ रुपये

✍🏻 प्रहरी संवाददाता, वॉशिंगटन। अंतरिक्ष में 9 महीने बिताने के बाद नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके तीन साथियों ने सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापसी की। स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने 18 मार्च 2025 की आधी रात को फ्लोरिडा के तट के पास मैक्सिको की खाड़ी में सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन किया।
इस मिशन में नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर, सुनीता विलियम्स, निक हेग और रूस के कॉस्मोनॉट अलेक्ज़ेंडर गोर्बुनोव शामिल थे। यह मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रा को अधिक सुलभ और सुरक्षित बना सकता है।

🚀 मिशन की लागत और तकनीकी सफलता

कुल लागत: $1.4 बिलियन (करीब 10,500 करोड़ रुपये)।

✅ प्रति सीट खर्च: $55 मिलियन (412 करोड़ रुपये), जो रूसी सोयुज ($80 मिलियन) और बोइंग स्टारलाइनर ($90 मिलियन) से सस्ता है।

✅ तकनीकी सुधार: स्वचालित डॉकिंग, रीयूजेबल तकनीक और उन्नत थर्मल शील्ड।

स्पेसएक्स ने यह साबित कर दिया है कि भविष्य में स्पेस ट्रैवल को अधिक किफायती और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

🔴 कैसे हुआ रिकवरी ऑपरेशन?


स्प्लैशडाउन के तुरंत बाद, स्पेसएक्स की विशेष रिकवरी टीम ने ऑपरेशन शुरू किया।
रिकवरी प्रक्रिया:
✅ MEGAN नामक रिकवरी जहाज के ज़रिए कैप्सूल को सुरक्षित किया गया।
✅ कैप्सूल को डेक पर लाकर अंतरिक्ष यात्रियों को सावधानीपूर्वक बाहर निकाला गया।
✅ मेडिकल जांच पूरी होने के बाद, यात्रियों को पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरने के लिए नासा केंद्र ले जाया गया।
✅ इस दौरान, समुद्र में डॉल्फ़िन्स का एक झुंड कैप्सूल के पास देखा गया, जिससे यह दृश्य और भी यादगार बन गया।

🌍 कैसे हुआ ड्रैगन कैप्सूल का सुरक्षित लैंडिंग ऑपरेशन?


क्रू ड्रैगन ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही दो चरणों में पैराशूट सिस्टम का इस्तेमाल किया:
1️⃣ पहला चरण – ड्रोग पैराशूट (Drogue Chutes)
🔹 18,000 फीट (5.5 किमी) की ऊँचाई पर, जब कैप्सूल 560 किमी/घंटा की रफ्तार से गिर रहा था, तो दो ड्रोग पैराशूट खुले। 🔹 इनका काम कैप्सूल की अत्यधिक तेज़ गति को धीमा करना था।

2️⃣ दूसरा चरण – मुख्य पैराशूट (Main Parachutes)
🔸 6,000 फीट (1.8 किमी) की ऊँचाई पर चार मुख्य पैराशूट सफलतापूर्वक खुल गए।
🔸 इससे कैप्सूल की गति घटकर 15 मील प्रति घंटे (24 किमी/घंटा) हो गई।
🔸 अंत में, यह कैप्सूल फ्लोरिडा के तट पर टलाहासी के पास मैक्सिको की खाड़ी में सुरक्षित पानी में उतर गया।

👨‍🚀 मिशन के अंतरिक्ष यात्री: कौन थे शामिल?

  • बुच विलमोर (Butch Wilmore): नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री।
🔹 सुनीता विलियम्स (Sunita Williams): भारतीय मूल की प्रसिद्ध नासा अंतरिक्ष यात्री।
🔹 निक हेग (Nick Hague): नासा के अनुभवी वैज्ञानिक।
🔹 अलेक्ज़ेंडर गोर्बुनोव (Aleksandr Gorbunov): रूस की रोस्कोस्मोस एजेंसी के कॉस्मोनॉट।

✅ ये सभी 9 महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक अनुसंधान में कार्यरत रहे।

💡 मिशन की चुनौतियों से स्पेसएक्स ने क्या सीखा

स्पेसएक्स को इस मिशन से पहले कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा:
🔴 2019 – क्रू ड्रैगन विस्फोट:
• सुपरड्रेको थ्रस्टर्स के परीक्षण के दौरान एक कैप्सूल में विस्फोट हुआ।
• सुधार: नई वाल्व प्रणाली और सुरक्षित फ्यूल सिस्टम विकसित किया गया।

🔴 2024 – लॉन्च में देरी:
• हीलियम गैस के रिसाव के कारण एक मिशन स्थगित हुआ।
• सुधार: ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम को अधिक सुरक्षित बनाया गया।

 

🚀 भविष्य की योजनाएं: अंतरिक्ष यात्रा के लिए नया युग

स्पेसएक्स अब स्टारशिप जैसी नई तकनीकों पर काम कर रहा है, जिससे अंतरिक्ष यात्रा की लागत 90% तक घट सकती है।

चंद्रमा और मंगल मिशन: स्पेसएक्स का अगला लक्ष्य 2027 तक इंसानों को चंद्रमा पर भेजना और 2030 तक मंगल पर बस्ती बसाना है।
स्पेस टूरिज्म का युग: अगले कुछ वर्षों में, आम नागरिक भी अंतरिक्ष में घूमने का सपना पूरा कर सकते हैं।
रीयूजेबल स्पेसक्राफ्ट: स्पेसएक्स की नई पीढ़ी की स्पेसक्राफ्ट तकनीक, बार-बार उपयोग किए जाने वाले रॉकेट और फुली रीयूजेबल स्पेसशिप के साथ अंतरिक्ष यात्रा की लागत को और कम करेगी।

🔴 यह मिशन अंतरिक्ष यात्रा में क्रांति लाएगा

✅ 9 महीने बाद अंतरिक्ष यात्रियों की सफल वापसी, यह दिखाता है कि स्पेसएक्स की तकनीक भरोसेमंद और सुरक्षित है।
✅ तकनीकी सुधारों के साथ, भविष्य में अंतरिक्ष यात्रा को सस्ता और किफायती बनाया जा सकता है।
✅ यह मिशन अंतरिक्ष विज्ञान में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिससे भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर मानव मिशन की संभावनाएँ और मजबूत होंगी।

स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन मिशन ने यह साबित कर दिया है कि अंतरिक्ष यात्रा का भविष्य अब केवल वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष एजेंसियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह एक दिन आम लोगों के लिए भी संभव हो सकता है!

 


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