✍🏻 प्रहरी संवाददाता, मुंबई। मायानगरी मुंबई में सोमवार को मॉनसून की पहली बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया। रविवार मध्यरात्रि से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने 107 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, और सोमवार सुबह तक सड़कें, रेलवे ट्रैक, और मेट्रो स्टेशन पानी में डूब गए। नेताओं और उनके पसंदीदा ठेकेदारों के तमाम दावों की पोल खुल गई। साथ ही मनपा प्रशासन की तैयारियां भी कागजों पर ही सिमटकर रह गईं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मॉनसून ने सामान्य तारीख 11 जून से 16 दिन पहले, 26 मई को दस्तक दी। कोलाबा वेधशाला में 295 मिमी और सांताक्रूज में 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो मई 1918 के 279.4 मिमी के रिकॉर्ड को पार कर गया। IMD ने अगले 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट और हाई टाइड की चेतावनी दी है।
शहर के निचले इलाकों अंधेरी, कुर्ला, सायन, परेल, दादर, हिंदमाता, वडाला, मालाड, और धारावी सहित कई इलाकों में सड़कें नदियों में बदल गईं। हिंदमाता और सायन में घुटनों तक पानी जमा हुआ, जहां वाहन घंटों जाम में फंसे।
वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर एक एंबुलेंस को निकलने में दो घंटे लगे, जिसका वीडियो X पर वायरल हुआ। साकीनाका में सड़कों पर तैरता कचरा देख एक यूजर ने तंज कसा, “बीएमसी की नाला सफाई का नमूना, कचरा सड़कों पर तैर रहा है!” अंधेरी सबवे और गोरेगांव के ओबेरॉय मॉल के पास जलभराव ने यातायात को ठप कर दिया।
मुंबई की लाइफलाइन लोकल ट्रेनें भी बारिश की भेंट चढ़ गईं। सायन, कुर्ला, और चुनाभट्टी के बीच ट्रैकों पर जलभराव से सेंट्रल और हार्बर लाइन की ट्रेनें 30 से 60 मिनट देरी से चलीं। यात्रियों की भीड़ स्टेशनों पर उमड़ पड़ी।
हाल ही में शुरू हुई एक्वा लाइन मेट्रो के आचार्य अत्रे चौक और वर्ली स्टेशनों में पानी घुसने से सेवाएं बंद करनी पड़ीं। X पर एक यूजर ने चुटकी ली, “नई मेट्रो में पानी, बीएमसी को बधाई!” छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कम दृश्यता के कारण 14 उड़ानें डायवर्ट हुईं, और कई रद्द हुईं। एयर इंडिया और इंडिगो ने यात्रियों को जल्दी निकलने की सलाह दी।
परेल में स्थित केईएम अस्पताल और टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के बाहर सड़कें कीचड़ भरे पानी में डूब गईं। केईएम के PICU वार्ड में पानी घुसने से मरीजों को स्थानांतरित करना पड़ा। उधर, सबसे बड़ी झोपड़पट्टी वाले धारावी में घरों और दुकानों में पानी घुस गया। एक स्थानीय ने X पर लिखा, “प्रशासन की नींद नहीं टूटती, हम रातभर पानी निकालते रहे।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जल निकासी के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे “कागजी शेर” करार दिया।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने 461 मोटर पंप और 200 नालों की सफाई का दावा किया, लेकिन जाम नाले और कचरे ने इन दावों की हवा निकाल दी। हेल्पलाइन 1916 पर जवाब न मिलने की शिकायतें आम थीं।
सोशल मीडिया पर मुंबईकरों ने अपनी नाराजगी जाहिर की। एक यूजर ने X पर लिखा, “हर साल वही कहानी, जलभराव, ट्रैफिक, और बीएमसी के खोखले वादे।”
एक यूजर ने तंज कसा, “बीएमसी की तैयारियां बारिश में बह गईं।”