अधिकतर लोगों को ऑफिस पहुंचने में हुई देर, लेट मार्क भी मिला, हुई नोंकझोंक
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। राज्य सरकार ने सोमवार से मंत्रालय प्रवेश के लिए नई एफआरएस (फेस रिकॉग्निशन सिस्टम) प्रणाली लागू कर दी है। हालांकि, इस फैसले से पहले सरकार को कर्मचारियों को इस प्रणाली के बारे में दूरदर्शिता और उचित प्रशिक्षण देना चाहिए था, लेकिन इसका पालन नहीं होने से मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नतीजतन, सोमवार को कर्मचारियों की देर से उपस्थिति का रिकॉर्ड (लेटमार्क) 100 से अधिक था।
गठबंधन सरकार के पतन के बाद महागठबंधन की सरकार बनी। इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आम नागरिकों को भी सीधे मंत्रालय में सीधे प्रवेश की सुविधा उपलब्ध कराई थी। हालांकि, अब मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस की सरकार ने सुरक्षा चिंताओं के कारण एक नई एफआरएस प्रणाली शुरू की है। इस वजह से अब मंत्रालय में मुफ्त संचार संभव नहीं है।
सोमवार को मंत्रालय के बैक ग्राउंड प्रवेश द्वार से प्रवेश करने वाले सरकारी कर्मचारियों की संख्या इस हद तक बढ़ गई कि अगर स्थिति थोड़ी भी बिगड़ जाती, तो सुरक्षाकर्मियों को स्थिति संभालना मुश्किल हो जाता।
गेट पर उपस्थित कुछ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने कहा कि मंत्रालय में कार्यरत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की भीड़ इतनी लंबी थी कि चर्चगेट स्टेशन तक पहुंच गई। मंत्रालय के प्रवेश द्वार पर जमकर हंगामा हुआ।
एक वरिष्ठ मंत्री के ओएसडी (विशेष कर्तव्य अधिकारी), जिनका फेस रिकॉग्निशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद वे मंत्रालय में प्रवेश नहीं कर सके क्योंकि अचानक मशीन खराब हो गई, जिससे उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया गया।
हालांकि उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को बताया कि उनके पास अधिकार हैं, वे ओएसडी हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें सलाह दी कि “जाओ, पहले पास ले आओ।” हंगामे के कारण कतार में लगे कई अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रवेश के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा और मंत्रालय प्रवेश द्वार पर पुलिस से नोकझोंक भी हुई।