कहा-मुझे बोलने से बीच में ही रोक दिया गया
डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक छोड़कर बाहर निकल आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया। हालांकि, सरकार ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बनर्जी को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था। केंद्रीय बजट में गैर-राजग शासित राज्यों के साथ कथित भेदभाव को लेकर पश्चिम बंगाल को छोड़कर, कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्रियों और अन्य विपक्षी शासित राज्यों ने बैठक का बहिष्कार किया।
सीएम बनर्जी ने कहा कि पांच मिनट के बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि आंध्र प्रदेश, गोवा, असम और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अधिक देर तक बोलने की अनुमति दी गई। नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक से बाहर निकलने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने कहा, ‘यह अपमानजनक है। मैं आगे से किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लूंगी।’ बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों ने शिरकत की।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका बैठक से बीच में बाहर निकलना पूर्व नियोजित था और इसका उद्देश्य सुर्खियां बटोरना था।
कांग्रेस ने कहा कि ममता बनर्जी के साथ किया गया व्यवहार ‘अस्वीकार्य’ है और आरोप लगाया कि नीति आयोग 10 साल पहले अपनी स्थापना के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी के लिए ‘ढोल पीटने’ वाले तंत्र के रूप में काम कर रहा है।
