✍🏻 प्रहरी संवाददाता, विशाखापत्तनम। भारत ने समुद्र की गहराइयों में अपनी पकड़ और मजबूत कर दी है। विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में 18 जून को भारतीय नौसेना में उस अत्याधुनिक युद्धपोत को शामिल किया गया, जो दुश्मन की पनडुब्बियों के लिए काल बन सकता है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी में यह स्वदेशी युद्धपोत ‘आईएनएस अर्नाला’ नौसेना की पूर्वी कमान का हिस्सा बना, जिसने भारत की समुद्री ताकत को नया आयाम दे दिया।
आईएनएस अर्नाला पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) के लिए डिजाइन किया गया एक आधुनिक ‘शैलो वॉटर क्राफ्ट’ है, जो कम गहराई वाले समुद्री क्षेत्रों में भी निगरानी, खोज और बचाव अभियानों में दक्ष है। यह युद्धपोत 1490 टन वजनी और 77 मीटर लंबा है, जिसे डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन से संचालित किया गया है।
‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत देश में निर्मित यह पोत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा तैयार किया गया है और यह 16 स्वदेशी युद्धपोतों की श्रृंखला का पहला पोत है। इसमें अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और उन्नत सेंसर युक्त उपकरण लगाए गए हैं।
जनरल चौहान ने इसे “खरीदार से निर्माता” बनने की दिशा में भारत की महत्वपूर्ण छलांग करार दिया और नौसेना की स्वदेशी निर्माण प्रतिबद्धता की सराहना की।
आईएनएस अर्नाला, महाराष्ट्र के ऐतिहासिक तटीय किले के नाम पर आधारित है, और यह भारत की समुद्री आत्मनिर्भरता का नया प्रतीक बन गया है।