✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 800 भारतीय छात्रों समेत 6800 विदेशी स्टूडेंट्स को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है। डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने एफ-1 और जे-1 वीजा धारकों पर नया आदेश जारी करते हुए 72 घंटे के भीतर 6 शर्तें पूरी करने का निर्देश दिया है।
ट्रम्प प्रशासन ने यह कदम क्यों उठाया?
होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने एक पत्र में कहा कि होमलैंड सुरक्षा विभाग ने यह नवीनतम कदम इसलिए उठाया क्योंकि हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अपने विदेशी छात्रों के बारे में रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के अनुरोधों का पालन करने से इनकार कर दिया था।
ट्रंप प्रशासन के इस अचानक फैसले ने हजारों छात्रों के भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया है। अब छात्रों को पिछले पांच सालों के भीतर की निजी रिकॉर्डिंग, वीडियो फुटेज, विरोध प्रदर्शन से जुड़े दस्तावेज और अनुशासनहीनता से संबंधित जानकारी अमेरिकी प्रशासन को सौंपनी होगी।
हार्वर्ड प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शर्तें पूरी न करने की स्थिति में वीजा रद्द कर अमेरिका से बाहर निकाला जा सकता है। छात्रों को यूनिवर्सिटी स्टाफ को धमकाने, हिंसा या अधिकार हनन से जुड़े किसी भी पुराने मामले की रिपोर्टिंग करनी होगी, भले ही वह कैंपस से बाहर की घटना क्यों न हो।
भारत सरकार की ओर से अभी तक इस मसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अभिभावकों और छात्रों में भारी चिंता है, लेकिन विदेश मंत्रालय की चुप्पी ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
अमेरिका में पढ़ाई की तैयारी कर रहे हजारों भारतीय छात्र अब असमंजस में हैं, जबकि हार्वर्ड में दाखिला पाने वाले मौजूदा छात्रों को अगले 72 घंटे में बड़ी चुनौती का सामना करना है।