बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अर्थशास्त्री पति का बड़ा दावा, कहा- सरकार को यह भारी पड़ेगा!
डिजिटल न्यूज़ डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने चुनावी बॉन्ड मामले पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने दावा किया कि इलेक्टोरल बॉन्ड सिर्फ देश का सबसे बड़ा घोटाला नहीं है, बल्कि दुनिया का सबसे स्कैम है।
एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि चुनावी बॉन्ड का मुद्दा बहुत अहम मुद्दा बनेगा। बीजेपी की लड़ाई विपक्षी दलों या फिर और पार्टियों से नहीं होगी, बल्कि इस मुद्दे के चलते असल लड़ाई बीजेपी और भारत के लोगों के बीच नजर आएगी।’
‘मोदी सरकार को कड़ी सजा देंगे वोटर्स’
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा मामला आज की तुलना में कहीं अधिक जोर पकड़ेगा। अब हर कोई धीरे-धीरे समझ रहा है कि यह भारत का ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। ऐसे में मुझे लगता है कि इस मुद्दे के कारण इस सरकार को मतदाताओं की ओर से कड़ी सजा दी जाएगी।”
चुनावी बॉन्ड के जरिए किसे मिला सर्वाधिक चंदा?
चुनावी बॉन्ड के जरिए 2019 से अब तक राजनीतिक पार्टियों को 1,27,69,08,93,000 रुपये दान में मिले हैं। यह खुलासा तब हुआ, जब चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से मिले आंकड़े वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिए। इस डेटा के मुताबिक, सियासी दलों ने पांच साल में कुल 20,421 चुनावी बॉन्ड भुनाए, जिनमें 12,207 एक-एक करोड़ रुपये के; 5,366 बॉन्ड 10-10 लाख रुपये के; 2,526 एक-एक लाख रुपये के; 219 बॉन्ड 10-10 हजार रुपये के और 103 एक-एक हजार रुपये के थे।
सबसे ज्यादा 60,60,51,11,000 रुपये भारतीय जनता पार्टी की झोली में गए, जो कुल राशि का लगभग आधा है। पार्टी ने एक करोड़ रुपये के 5,854 बॉन्ड और 10 लाख रुपये के 1,994 बॉन्ड भुनाए थे।
दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 16,09,50,14,000 रुपये के 3,275 चुनावी बॉन्ड भुनाए, जिनमें 1.467 एक-एक करोड़ रुपये के और 1,384 बॉन्ड 10-10 लाख रुपये के थे।
कांग्रेस ने भी 14,21,86,50,000 करोड़ रुपये के 3.141 चुनावी बॉन्ड भुनाए। इनमें 1.318 एक-एक करोड़ रुपये के और 958 बॉन्ड 10-10 लाख रुपये के थे।