✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली | पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ बीजेपी ने फिर से अपना पुराना राजनीतिक हथियार निकाल लिया है। दिवाली और काली पूजा के तुरंत बाद पार्टी ने राज्यभर में 1000 से अधिक सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) शिविर लगाने की घोषणा की है। पार्टी का कहना है कि इन कैंपों के जरिए बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों को सीएए के तहत नागरिकता के आवेदन भरने में मदद दी जाएगी।
बीजेपी अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह एजेंडा पार्टी का शुरू से ही था, कोविड के कारण देरी हुई थी। अब इसे तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अधिकतर कैंप सीमावर्ती जिलों में लगाए जाएंगे, जहां जनसांख्यिकीय स्थिति बदल चुकी है। इनमें उत्तर 24 परगना, नादिया, कूच बिहार और उत्तर दिनाजपुर प्रमुख हैं।
बीजेपी ने बुधवार को संगठन महासचिव बी.एल. संतोष की मौजूदगी में एक विशेष कार्यशाला आयोजित की, जिसमें कार्यकर्ताओं, स्थानीय क्लबों और गैर-राजनीतिक संगठनों को सीएए से जुड़ी प्रक्रिया पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षित कार्यकर्ता अब अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों को नागरिकता के लिए आवेदन कराने में सहयोग करेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन कैंपों को चुनाव आयोग के विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया शुरू होने से पहले चलाया जाएगा। लक्ष्य है कि सीएए के लाभार्थी मतदाता सूची में शामिल हो सकें। बीजेपी का मानना है कि राज्य में बड़ी संख्या में हिंदू शरणार्थी ऐसे हैं जो अब तक डर या भ्रम के कारण आवेदन नहीं कर पाए हैं।
पार्टी नेताओं के अनुसार, आम लोगों में यह गलतफहमी दूर करना ज़रूरी है कि सीएए से किसी को देश से निकाला जाएगा। कार्यकर्ताओं को इस विषय पर पूरी जानकारी दी जा रही है ताकि वे लोगों को भरोसे में लेकर नागरिकता आवेदन भरवा सकें।
बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, कैंपों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। पार्टी चाहती है कि सीमावर्ती जिलों में रहने वाले अधिक से अधिक शरणार्थी नागरिकता प्राप्त करें और संगठनात्मक रूप से पार्टी के संपर्क में आएं।