ट्रस्ट और सोसाइटी के नाम पर खरीदी गई जमीन, एफडी और प्रॉपर्टी कुर्क
✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बहुचर्चित ‘बाइकबोट’ पोंजी घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 394 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। यह संपत्तियां कामाख्या एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, कामाख्या एजुकेशनल सोसाइटी, गुरु नानक चैरिटेबल ट्रस्ट, अल्पाइन टेक्निकल एजुकेशन सोसाइटी, एपी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट और स्मृति मीना आनंद के नाम पर दर्ज बताई गई हैं। कुल कुर्क की गई संपत्तियों का मूल्य 394.42 करोड़ रुपये है, जिसमें मेरठ की जमीन, अचल संपत्तियां और 5.12 करोड़ रुपये की एफडी शामिल हैं।
ED की जांच में सामने आया कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (GIPL) और इसके प्रमोटर संजय भाटी ने ‘बाइकबोट’ के नाम पर निवेशकों को ठगा। कंपनी ने दावा किया था कि निवेशक 1, 3, 5 या 7 बाइक खरीद सकते हैं, जिन्हें टैक्सी के रूप में चलाया जाएगा। इसके बदले हर महीने किराया, EMI और बोनस देने का वादा किया गया था। ज्यादा निवेश और नए लोगों को जोड़ने पर अतिरिक्त लाभ भी दिखाया गया। हालांकि हकीकत में न तो बाइक टैक्सी का संचालन हुआ और न ही वादे पूरे किए गए।
जांच में पाया गया कि निवेशकों से जुटाई गई रकम को विभिन्न शैक्षणिक ट्रस्ट और सोसाइटी के जरिए प्रॉपर्टी खरीदने व गिरवी प्रॉपर्टी छुड़ाने में लगाया गया। घोटाले के समय 20.49 करोड़ रुपये की जमीन का मूल्यांकन करीब 389.30 करोड़ रुपये तक किया गया था।
गौरतलब है कि ED अब तक इस केस में तीन बार कार्रवाई कर 220.78 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर चुकी है और 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट इन मामलों में संज्ञान ले चुकी है। ED ने कहा है कि इस घोटाले की जांच फिलहाल जारी है।