दिल्ली यूनिवर्सिटी में खाली आरक्षित पदों पर उठे सवाल
राहुल का आरोप: बीजेपी-आरएसएस की योजना है शिक्षा से वंचित करना
✍🏻 प्रहरी संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के छात्रों के साथ संवाद करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरक्षण व्यवस्था को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ (एनएफएस) घोषित किया जा रहा है, ताकि उन्हें शिक्षा और नेतृत्व से वंचित रखा जा सके।
राहुल गांधी ने इस बैठक की वीडियो अपने एक्स हैंडल पर साझा की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में 60% से अधिक प्रोफेसर और 30% से ज्यादा एसोसिएट प्रोफेसर के आरक्षित पद एनएफएस के आधार पर खाली छोड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “एनएफएस अब नया मनुवाद है, जो संविधान और सामाजिक न्याय दोनों पर हमला है।”
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह केवल दिल्ली विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि यही साजिश देशभर के IITs और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में चल रही है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय के खिलाफ एक सुनियोजित हमला करार दिया।
राहुल गांधी ने आंबेडकर के कथन “शिक्षा बराबरी का सबसे बड़ा हथियार है” को उद्धृत करते हुए केंद्र सरकार पर उस हथियार को कुंद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि BJP और RSS मिलकर पिछड़े और वंचित समुदायों के इतिहास और अधिकारों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।
एक छात्रा द्वारा आरक्षण की सीमा पर सवाल पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर आरक्षण की 50% सीमा को हटाया जाएगा, क्योंकि यह हक का सवाल है, न कि कृपा का।