डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही दिल्ली एयरपोर्ट समेत देश के अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ‘स्विंग जोन’ बनाने की योजना साकार हो जाएगी। अगर यह योजना साकार होती है तो फिर एयरपोर्ट के मौजूदा संसाधनों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करते हुए यात्री क्षमता तकरीबन दो गुना तक बढ़ाई जा सकेगी।
पीक आवर्स में मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट पर लगने वाली हवाई यात्रियों की लंबी-लंबी कतारों से निजात मिलेगी। हालांकि मंत्रालय को आईबी और सीआईएसएफ के इनपुट के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी का भी इंतजार है।
इस योजना के बारे में दिल्ली एयरपोर्ट को चलाने वाली कंपनी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) द्वारा केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने एक प्रजेंटेशन दी गई। इसमें दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरू समेत अन्य एयरपोर्ट ऑपरेटर भी मौजूद थे। साथ ही सीआईएसएफ, इमिग्रेशन और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारी भी थे।
क्या हैं स्विंग जोन
स्विंग जोन से मतलब एक ऐसे मूवेबल जोन से है, जिसे जरूरत के मुताबिक इंटरनेशनल और डोमेस्टिक एयरपोर्ट के यात्रियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट के डोमेस्टिक और इंटरनेशनल यात्रियों की भारी आवाजाही होती है।
ऐसे में योजना है कि जब डोमेस्टिक पैसेंजर्स का लोड अधिक हो और इंटरनेशनल का कम, तो इंटरनेशनल की सुरक्षा जांच वाली एक्स-रे मशीनों और अन्य संसाधनों का इस्तेमाल घरेलू यात्रियों की सुरक्षा जांच और अन्य कार्यों के लिए किया जा सके।
इसी तरह से खासतौर से रात के वक्त जब इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक अधिक हो तो कम हुए डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक के संसाधन इस्तेमाल किए जा सकें। इसके लिए मोबाइल दीवार और मोबाइल एक्स-रे मशीनों की व्यवस्था करने की बात की जा रही है।