– दक्षिण की काशी से उत्तर की काशी और अयोध्या कॉरिडोर की संकल्पना को साकार किया जाएगा
संवाददाता, पणजी। हमारी सरकार ने गोवा की पुरानी इमेज को बदलने की पहल शुरू की है। हम इसे धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने पर जोर दे रहे हैं। यह बात पर्यटन व आईटी मंत्री रोहन खौंटे ने कही। उन्होंने कहा कि ‘गोवा बियांड बीच’ के अलावा भी इस राज्य की दूसरी पहचान है, जिसे अब सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एकादश तीर्थ अभियान के जरिए गोवा को ‘दक्षिण काशी’ को ‘उत्तर काशी’ से जोड़ने वाले सर्किट के एक हिस्से के रूप में संवारने को कोशिश हुई है।
री-जेनरेटिव टूरिज्म को बढ़ावा
पर्यटन मंत्री ने कहा कि गोवा में री-जेनरेटिव टूरिज्म के साथ आईटी को-वर्किंग कल्चर के जरिए रोजगार के अवसर पैदा किया जाएगा। सरकार ने आईटी और इंडस्ट्रियल नियमों को बेहतर किया है। हमारा लक्ष्य गोवा के प्राचीन इतिहास और विरासत को सुरक्षित कर उसके जरिए व्यावसायिक और आर्थिक क्षमता का दोहन करना है।
पिछले साल उत्तराखंड सरकार से करार
बता दें कि पिछले साल पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में एक करार हुआ था। इसके जरिए दोनों राज्यों के पर्यटन क्षेत्र को मजबूत करने और आगंतुकों को एक अद्वितीय और अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने का प्रयास किया गया।
गोवा पर्यटन के निदेशक सुनील अंचीपाका ने बताया कि साल 2020 में नई पर्यटन नीति की शुरूआत के साथ हमने अपनी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने की कोशिश की है। कम्युनिटी के भीतर स्थानीय निवासियों द्वारा चलाए जाने वाले होमस्टे नीति को आगे बढ़ाने, पर्यटकों को उस स्थान की प्रामाणिक संस्कृति, जीवन शैली और मूल्यों से जुड़ने की पहल शुरू की गई है।
हालांकि गोवा सरकार ने एकादश तीर्थ अभियान के तहत जिन प्राचीन मंदिरों को शामिल किया है, उसमें से एक मंगेशी मंदिर के प्रबंधकों ने आश्चर्य जताया। उनका कहना है कि भले ही सरकार मंगेशी मंदिर को एकादश तीर्थ में शामिल करे, लेकिन प्रबंधन में कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा।