✍🏻 प्रहरी डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली | यूरोप में साइबर ठगों के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए लातविया पुलिस और यूरोपीय सुरक्षा एजेंसियों ने ‘ऑपरेशन सिंचारटेल’ के तहत बड़ा भंडाफोड़ किया है। इस अभियान में पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 40 हजार सक्रिय सिम कार्ड, 1,200 सिम बॉक्स डिवाइस, पांच सर्वर, चार लग्जरी कारें और करीब 4.3 लाख यूरो की बैंक राशि जब्त की गई है। इसके साथ ही 3.3 लाख अमेरिकी डॉलर की क्रिप्टो संपत्ति को भी फ्रीज किया गया।
जांच एजेंसियों के अनुसार, इस गिरोह ने करीब 5 करोड़ फर्जी ऑनलाइन अकाउंट्स बनाए थे, जिनका इस्तेमाल सोशल मीडिया, बैंकिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर ठगी और हैकिंग के लिए किया जा रहा था। यूरोपोल और यूरोजस्ट की देखरेख में ऑस्ट्रिया, एस्टोनिया, लातविया और फिनलैंड की पुलिस ने मिलकर 26 लोकेशन पर एक साथ छापेमारी की। यूरोपोल की तकनीकी टीम लातविया की राजधानी रीगा में मौजूद रही और मौके पर डिजिटल फॉरेंसिक सहयोग दिया।
इस साइबर रैकेट का संचालन एक ऐसी ऑनलाइन सर्विस के जरिये होता था जो 80 से अधिक देशों के नाम पर फोन नंबर किराए पर देती थी। अपराधी इन वर्चुअल नंबरों का उपयोग फर्जी पहचान बनाकर ऑनलाइन ठगी, पहचान चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों में करते थे। गिरोह की वेबसाइट बेहद पेशेवर थी, जो खुद को वैध सेवा प्रदाता बताकर हजारों सिम कार्ड विभिन्न देशों से खरीदता और किराए पर देता था।
ऑस्ट्रिया में अब तक इस गिरोह से जुड़ी 1700 साइबर फ्रॉड घटनाएं और लातविया में 1500 मामले सामने आ चुके हैं। ऑस्ट्रिया में ठगी की राशि करीब 4.5 मिलियन यूरो (₹40 करोड़) और लातविया में 4.2 लाख यूरो (₹3.7 करोड़) बताई जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया है कि नेटवर्क का एक प्रमुख सदस्य पहले से ही एस्टोनिया में आगजनी और जबरन वसूली के मामलों में जांच के दायरे में था। अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके भारतीय कनेक्शन की भी जांच शुरू हो चुकी है।