एक साल पहले निकला था आवेदन, चार बार स्थगित हो चुकी है परीक्षा
प्रहरी संवाददाता, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी किस कदर है, इसका अंदाजा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के आंकड़ों को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। लोक सेवा आयोग की नौकरी पाने के लिए जनवरी में ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हुई थी, मार्च में परीक्षा होनी थी, लेकिन आयोग अब तक यह परीक्षा आयोजित नहीं करा सका है। कई बार परीक्षा को स्थगित किए जाने के बाद बेरोजगार युवाओं ने बवाल मचा हुआ है।
16.5 लाख से अधिक युवाओं ने भरे हैं फॉर्म
बता दें कि यूपीपीएससी की दो परीक्षाओं पर लाखों युवाओं का भविष्य टिका हुआ है। तकरीबन 16.5 लाख से अधिक युवा यूपीपीएससी की दो सरकारी परीक्षाओं का इंतजार कर रहे हैं। आयोग की पीसीएस में रिक्त 220 पदों के लिए 5.74 लाख युवाओं ने आवेदन किया है।
PCS परीक्षा के लिए 5.74 लाख आवेदन
यूपीपीएससी के तहत पीसीएस परीक्षा के लिए 5 लाख 74 हजार 534 उम्मीदवारों ने आवेदन किए हैं, जबकि यूपीपीएससी की ओर से महज 220 पदों पर ही भर्तियां निकाली गई हैं। इन पदों के लिए एक जनवरी से ऑनलाइन आवेदन शुरू हुआ था, जो 2 फरवरी तक चला था।
RO/ARO के लिए 10.76 लाख आवेदन
यूपीपीएससी की आरओ (RO) और एआरओ परीक्षा (ARO Exam) के लिए 10 लाख 76 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन आए हैं।
कई बार बदली गई परीक्षा की तिथि
पहले यह परीक्षा 17 मार्च को होनी थी, लेकिन परीक्षा जून में कराए जाने की बात की गई। लेकिन आयोग ने 27 अक्टूबर की तारीख घोषित की, लेकिन उसे भी स्थगित कर दिया गया। अब 7 और 8 दिसंबर को परीक्षा की तारीख घोषित हुई है। लेकिन वन शिफ्ट, वन डे एग्जाम की मांग को लेकर किए गए आंदोलन के कारण इस परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया। लाखों अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।
डिप्टी कलेक्टर (ADM), उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM), ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO), वाणिज्यिक कर अधिकारी, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP), ट्रेजरी ऑफिसर/अकाउंट्स ऑफिसर (ट्रेजरी) से लेकर असिस्टेंट कमिश्नर कॉमर्शियल टैक्स, असिस्टेंट रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (ARTO), जिला कमांडेंट होमगार्ड्स, गन्ना इंस्पेक्टर, उप-रजिस्ट्रार, सहायक श्रम आयुक्त, जेल अधीक्षक जैसे पदों पर भर्ती होनी है।