हिमस्खलन से 84 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के निकट नीति घाटी के सुमना में हुए हिमस्खलन में मृतकों की संख्या रविवार को 12 तक पहुंच गई। चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन. के. जोशी ने बताया कि रविवार को हादसे वाली जगह से दो और शव बरामद हुए, जिसके साथ ही अब तक कुल 12 व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हिमस्खलन प्रभावित सुमना, मलारी गांव से करीब 25 किलोमीटर दूर है और धौलीगंगा से निकलने वाली दो धाराओं, गिरथीगाड और किओगाठ के संगम पर स्थित है। हिमस्खलन के समय मौके पर सीमा सडक संगठन के मजदूर काम कर रहे थे।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि हांलांकि, अब तक 384 अन्य लोग सुरक्षित मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि शवों को वायुसेना के दो विमानों से जोशीमठ लाया गया, जहां उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है। मरने वालों में से 11 की पहचान हो गई है, जो झारखंड के निवासी हैं। पांच घायलों को जोशीमठ सेना अस्पताल में भर्ती किया गया है, जबकि दो अन्य को देहरादून रेफर किया गया है। क्षति का आंकलन करने के लिए चमोली की जिलाधिकारी स्वाति, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान और राजस्व टीम ने हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन सुमना में हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर सका। इसके बाद टीम क्षेत्र का हवाई सर्वेंक्षण कर लौट आए। भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, जिला प्रशासन और सीमा सडक संगठन की संयुक्त टीम द्वारा तलाश एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। पिछले दिनों हुई भारी बर्फवारी के चलते अभियान में दिक्कत आ रही है।