मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज मामले में उन्हें छह जुलाई तक गिरफ्तार नहीं करेगी। अकोला शहर पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात निरीक्षक बी.आर. घाडगे की शिकायत पर अप्रैल में सिंह के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था। घाडगे पहले ठाणे में तैनात थे।
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील दारियस खंबाटा ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एन.जे. जमादार को यह बयान तब दिया, जब पीठ ने सिंह की याचिका पर सुनवाई पांच जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। सिंह ने ठाणे पुलिस द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई प्रारंभिक जांच को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर रखी है।
