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-लॉ कमीशन ने तैयार किए गए रोडमैप को पेश किया
-लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर गठित कमेटी की दूसरी मीटिंग
डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। देश में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर बुधवार (25 अक्टूबर) को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति की दूसरी बैठक हुई। कमिटी ने कहा कि वर्ष 2024 के चुनाव में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू करना मुमकिन नहीं है। इस मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद के अलावा विधि आयोग के चेयरमैन ऋतु राज अवस्थी मौजूद रहे। इस दौरान लॉ कमीशन की ओर से रोडमैप पेश किया गया।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में लॉ कमीशन ने जानकारी दी है कि वन नेशन, वन इलेक्शन को अगर देश में लागू करना है, तो उसके लिए कानून और संविधान में कई संशोधन करने पड़ेंगे। साथ ही उसे ईवीएम और वीवीपैट की तैयारी के लिए एक साल के समय की जरूरत होगी।
समिति ने अपनी दूसरी बैठक में इस बार लॉ कमीशन के चेयरमैन को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। समिति जानना चाहती है कि देश में एक साथ चुनाव किस तरह से करवाए जा सकते हैं। विधि आयोग के सुझाव और विचार जानने के लिए उन्हें बुलाया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में गठित कमेटी
केंद्र सरकार ने 2 सितंबर को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर विचार करने के लिए 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नियुक्त किया गया है, जबकि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
इसके अलावा कमेटी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी सदस्य के रूप में नियुक्त किए गए हैं। अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि वे कमेटी में शामिल नहीं होंगे।