नई दिल्ली, 10 मार्च 2022। चुनाव चाहे लोकसभा का हो या राज्यों की विधानसभाओं का, सभी पार्टियां इसे जीतने के लिए पानी की तरह पैसा बहाती हैं. आज चल रही पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की मतगणना के बीच आपके मन में यह सवाल उठ रहे होंगे कि इस पर चुनाव पर कुल कितना खर्च आया होगा.
चुनावी गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 2017 में जारी रिपोर्ट में बताया था कि देश की 7 राष्ट्रीय और 16 क्षेत्रीय पार्टियों ने यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में कुल 494.36 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
2022 में हुए चुनावों के लिए आयोग ने 10 फीसदी ज्यादा राशि खर्च करने की छूट दी है. अगर इसी अनुपात में देखें तो इस बार 550 करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है. हालांकि, ADR ने अभी 2022 में हुए चुनावी खर्च पर अपनी रिपोर्ट जारी नहीं की है.
सबसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य यूपी में पार्टियों ने सभी अनुमानों से कहीं ज्यादा पैसा चुनाव पर बहाया है. इसकी बानगी चुनाव के दौरान सीज किए गए पैसों से मिलती है. 3 मार्च, 2022 तक यूपी में कुल 328.33 करोड़ रुपये सीज किए जा चुके थे, जो 2017 के चुनाव में महज 193.29 करोड़ थे.
एक अनुमान के मुताबिक, इस बार सिर्फ यूपी के विधानसभा चुनावों में 4 हजार करोड़ से भी ज्यादा की राशि खर्च होने का अनुमान है. 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद सीएमएस पोल स्टडी में सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 5,500 करोड़ रुपये खर्च होने का दावा किया गया था.