बीजेपी को 2022-23 में 2120 करोड़ रुपये का चंदा, चुनावी बॉन्ड से 1300 करोड़ रुपये मिले
डिजिटल न्यूज़ डेस्क, नई दिल्ली। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वर्ष 2022-23 में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से लगभग 1300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। यह राशि इसी अवधि में चुनावी बॉन्ड से विपक्षी दल कांग्रेस को प्राप्त धनराशि से सात गुना अधिक है। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से 2022-2023 में कुल 2,800.36 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए थे।
देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों में से बीजेपी ने अपनी रिपोर्ट सबसे आखिर में 12 जनवरी को दी थी। सरकार के मुताबिक़, जारी होने के बाद से अब तक, 19 किस्तों में 1.15 अरब डॉलर क़ीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे जा चुके हैं।
निर्वाचन आयोग को सौंपी गई पार्टी की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में बीजेपी को कुल 2120 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसमें से 61 प्रतिशत चुनावी बॉन्ड से प्राप्त हुए। वित्त वर्ष 2021-22 में बीजेपी को कुल 1775 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त हुआ था। वर्ष 2019-20 में बीजेपी को 2555 करोड़ रुपये और 2018-19 में 1450 करोड़ रुपये मिले थे।
इसी तरह, बीजेपी की कुल आय वर्ष 2022-23 में 2360.8 करोड़ रुपये रही, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 1917 करोड़ रुपये थी।
बीजेपी को पिछले वित्त वर्ष में ब्याज के तौर पर 237 करोड़ रुपये की आय हुई, जो कि वर्ष 2021-22 के मुकाबले 135 करोड़ रुपये अधिक है।
दूसरी ओर, कांग्रेस को चुनावी बॉन्ड के जरिए पिछले साल 171 करोड़ रुपये की आय हुई, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 236 करोड़ रुपये से कम थी।
राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) को 2021-22 में चुनावी बॉन्ड के जरिए 3.2 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जबकि वर्ष 2022-23 में उसे चुनावी बॉन्ड के जरिए कोई धनराशि नहीं मिली थी।
दक्षिण भारत की तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) को साल 2022-23 में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 34 करोड़ रुपये मिले, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 10 गुना अधिक राशि है।
निर्वाचन आयोग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2022-2023 में बीजेपी ने 1,361.68 करोड़ रुपये खर्च किए, जिनमें से 80% ‘चुनावी व्यय’ (1,092.15 करोड़ रुपये) था. इसमें भी बीजेपी ने सर्वाधिक खर्च (432.14 करोड़ रुपये) विज्ञापनों पर किया।
‘चुनाव और सामान्य प्रचार’ पर अपने कुल खर्च में से, बीजेपी ने विमान और हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल करने पर 78.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालांकि यह रकम वर्ष 2021-22 में खर्च हुए 117.4 करोड़ रुपये से कम है। पार्टी ने उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता के रूप में 76.5 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है। यह रकम भी वर्ष 2021-22 में 146.4 करोड़ रुपये से कम है। पार्टी ने इस सहायता को ‘कुल भुगतान’ मद में दर्शाया है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम मामले में 2 नवंबर 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया। अगली सुनवाई की तारीख नहीं बताई गई। कोर्ट ने पार्टियों को मिली फंडिंग का डेटा नहीं रखने पर चुनाव आयोग से नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने आयोग से कहा था कि राजनीतिक दलों को 30 सितंबर 2023 तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जितना पैसा मिला है, उसकी जानकारी जल्द से जल्द दें।