मुंबई। फर्जी टीकाकरण घोटाले में मुंबई पुलिस ने अब तक चर एफआईआर दर्ज किए हैं। बोरीवली के आदित्य कॉलेज में सामने आए वैक्सीनेशन घोटाले में यह प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। आईपीसी 120 बी (आपराधिक साजिश), आईपीसी 188 (एक लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा, दूसरों के जीवन और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली अवज्ञा), आईपीसी 420, (धोखाधड़ी), प्रबंधन अधिनियम और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई हैं।
बता दें कि मुंबई पुलिस ने 15 जून को हीरानंदानी हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों की शिकायत पर मामले की जांच शुरू की था। नागरिकों ने आरोप लगाया था कि उन्हें कोविशील्ड देने के नाम पर डोप किया गया है। इस मामले में मुंबई पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि ठाणे, अंधेरी, बोरीवली, परेल और कांदिवली में भी इस तरह के घोटाले हुए हैं। दो आरोपी अभी भी फरार हैं। इनमें एक आरोपी कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल के कर्मचारी राजेश पांडेय का नाम भी शामिल है। घोटाला सामने आने के बाद अस्पताल ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है।
दूसरे फरार आरोपी डॉक्टर मनीष त्रिपाठी हैं। यह वैक्सीन की शीशियों को खरीदते थे। हालांकि त्रिपाठी ने अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल किया है। उनका कहना है कि मुंबई पुलिस असली अपराधी यानी शिवम अस्पताल को बचाने के लिए उन्हें बलि का बकरा बना रही है। उनकी अग्रिम जमानत अर्जी पर 25 जून को सुनवाई होगी। इसके अलावा, केपीईसी के तीन कर्मचारियों पर भी एफआईआर दर्ज किया गया है। मुंबई पुलिस शिवम अस्पताल की भूमिका की जांच कर रही है।