डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को एक महीना बीत चुका है, लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अब भी हमलावरों की तलाश में जुटी है। इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय व्यक्ति की जान गई थी। हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए अब तक कोई ठोस सबूत नहीं जुटा सकी है। जांच एजेंसी ने अब तक 150 से अधिक स्थानीय लोगों से पूछताछ की है, जिनमें टट्टू वाले, दुकानदार, फ़ोटोग्राफ़र और एडवेंचर स्पोर्ट्स से जुड़े लोग शामिल हैं। एक स्थानीय व्यक्ति, जिसने हमले से 15 दिन पहले ही दुकान खोली थी, उससे भी पूछताछ जारी है।
जांच में शामिल अधिकारियों के मुताबिक, इस हमले में पांच आतंकी शामिल हो सकते हैं, जिनमें तीन पाकिस्तान से बताए जाते हैं। प्रशासन ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी कर उनके बारे में जानकारी देने पर 20 लाख रुपये का इनाम रखा है। एनआईए ने घटनास्थल पर मौजूद मोबाइल डेटा और पीड़ितों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो व तस्वीरों की जांच शुरू कर दी है। बैसरन घाटी की 3डी मैपिंग कर हमलावरों की मूवमेंट का विश्लेषण किया जा रहा है।
हमले के तुरंत बाद पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें कई ओवरग्राउंड वर्कर भी थे। कुछ को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत बुक किया गया है। हालांकि, ज्यादातर सुराग अब तक झूठे साबित हुए हैं। बेताब घाटी में देखे गए तीन संदिग्धों को पकड़ने के बाद छोड़ दिया गया क्योंकि उन पर कोई आरोप नहीं बन पाया।
सर्च ऑपरेशन अब दक्षिण कश्मीर के जंगलों तक फैल गया है। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती दिनों में आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट और बातचीत ट्रेस हुई थी, लेकिन अब वे पूरी तरह ऑफलाइन हो चुके हैं।
इस बीच, सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में दो अभियानों के दौरान छह स्थानीय आतंकियों को मार गिराया है। इनमें टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) का एक टॉप कमांडर भी शामिल था, जिस संगठन को पहलगाम हमले का जिम्मेदार माना जा रहा है।