कॉरपोरेट कर में कटौती से 1.84 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ
मुंबई। केंद्र की भाजपा सरकार ने साबित कर दिया है कि वह कॉरपोरेट जगत के हित का काम करेगी। दो साल पहले भाजपा ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का फैसला लिया, जिसके कारण वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2021 में कुल 1.84 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सरकार ने इस वित्त वर्ष में पर्सनल इनकम टैक्स में सेल्फ एसेसमेंट अनिवार्य कर दिया था। इसके कारण अप्रैल-जुलाई 2022 में पर्सनल टैक्स कलेक्शन 52 फीसदी की ग्रोथ के साथ 2.67 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, तो वहीं कॉर्पोरेट टैक्स घटकर 2.22 लाख रह गया।
कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया कि सरकार को यह बताना चाहिए कि उसे मध्य वर्ग से ऐसी क्या ‘घृणा’ है कि वह उससे अधिकतम 30 प्रतिशत की दर से कर लेती है, जबकि कॉरपोरेट जगत पर 22 फीसदी की दर से कर लगाती है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 20 सितंबर 2019 को ‘सूटबूट की सरकार’ ने कॉरपोरेट टैक्स को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया था। इसके अलावा, नई विनिर्माण कंपनियों के लिए टैक्स 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया था।