लाल ग्रह पर संभावित खतरे को लेकर भारत, चीन और यूएई को चेताया
बीजिंग। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भारत, चीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ अपने वर्तमान मंगल मिशन का डेटा साझा किया है, ताकि लाल ग्रह पर किसी टक्कर के जोखिम से बचा जा सके। इन देशों के अंतरिक्ष यान भी मंगल का चक्कर लगा रहे हैं। भारत का मंगलयान साल 2014 से मंगल की कक्षा में लगातार चक्कर लगा रहा है, जबकि नासा के मौजूदा यान का लैंडर पिछले महीने मंगल पर उतरा था और चीन का यान ‘तियानवेन-1’ और संयुक्त अरब अमीरात का यान ‘होप’ भी मंगल ग्रह की कक्षा में चक्कर काट रहा है। चीन का यान मई या जून में लाल ग्रह पर उतरने की तैयारी कर रहा है।
हांगकांग से संचालित होनेवाले ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने नासा के हवाले से अपनी खबर में लिखा है भारत, चीन, यूएई और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के यान भी लाल ग्रह का चक्कर लगा रहे हैं, इसलिए यानों के बीच किसी टक्कर के जोखिम को कम करने के लिए डेटा का आदान-प्रदान किया गया है। नासा ने एक बयान में कहा, ‘हमारे संबंधित अभियानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नासा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), यूएई, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के साथ समन्वय कर रहा है, क्योंकि इन सभी के यान मंगल की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं।’ नासा ने चीन के साथ डेटा साझा करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से अनुमति मांगी थी और चाइना नेशनल स्पेस एडमनिस्ट्रेशन से बात की जिसकी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को पुष्टि की।