मुंबई। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जमीनी स्तर पर कारोबार सुगमता की जटिलता तथा कारोबार करने की ऊंची लागत की वजह से निजी क्षेत्र का जोश-खरोश (एनिमल स्पिरिट) प्रभावित हो रहा है। सीआईआई ने कहा है कि जमीनी स्तर पर कारोबार सुगमता की स्थिति अभी जटिल बनी हुई है।
सीआईआई के सर्वेक्षण के अनुसार, सरकार की वृद्धि को समर्थन देने वाली पहल और घोषणाओं ने निजी क्षेत्र के उत्साह या जोश को बेहतर करने में मदद की है, जिससे वित्त वर्ष 2021-22 में कॉरपोरेट क्षेत्र के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।
निजी क्षेत्र के जोश-खरोश से संबंधित सवाल के जवाब में 51 प्रतिशत मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने संकेत दिया कि जमीनी स्तर पर अभी भी व्यापार करने में परशानी है। वहीं, 32 प्रतिशत सीईओ का मानना था कि व्यवसाय करने की ऊंची लागत (पूंजीगत लागत के अलावा) भी कारोबार को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा सर्वेक्षण में लगभग एक-तिहाई सीईओ ने संकेत दिया कि मौजूदा क्षमता अभी मांग से अधिक है।
सर्वेक्षण में शामिल 117 सीईओ में से लगभग 46 प्रतिशत ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उनकी कंपनी का राजस्व महामारी-पूर्व के वर्ष 2019-20 की पहली छमाही की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ेगा।