मुंबई। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफ) के करीब पांच करोड़ अंशधारकों को 8.1 फीसदी ब्याज दर देने को मंजूरी दे दी है। यह पिछले चार दशकों में सबसे कम ब्याज दर है। श्रम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया।
बता दें कि साल 1977-78 में ईपीएफ पर लोगों को 8 फीसदी ब्याज मिलता था। इस साल मार्च में ही ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी करने का फैसला लिया था। जल्द ही ईपीएफओ लाभार्थियों के खातों में ब्याज की राशि जमा करना शुरू कर देगा। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2019-20 में 8.5 फीसदी ब्याज तय किया था।

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