बोस्टन (अमेरिका)। वैश्विक विमानन निकाय आईएटीए के महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा कि कोविड-19 संकट के कारण वैश्विक विमानन उद्योग को वर्ष 2020 से वर्ष 2022 के बीच 201 अरब डॉलर का नुकसान होगा, हालांकि साल 2023 में वह वापस मुनाफे में आ सकता है।
वॉल्श ने इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) की 77वीं वार्षिक आम बैठक में कहा, ‘हम संकट के सबसे गहरे स्तर से निकल चुके हैं। हालांकि गंभीर मुद्दे बने हुए हैं, वापसी का रास्ता दिखने लगा है।’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट की शुरुआत के लगभग दो साल बाद, विभिन्न सरकारों द्वारा लगाए गए व्यापक सीमा प्रतिबंधों का कोई औचित्य नहीं है। हम वित्त में सुधार देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि 2021 में नुकसान लगभग 52 अरब डॉलर होगा, जबकि वर्ष 2020 में 138 अरब डॉलर का भारी भरकम नुकसान हुआ था। साल 2022 में घाटा और कम होकर लगभग 12 अरब डॉलर हो जाएगा। साल 2023 में मुनाफे में लौटने से पहले कुल मिलाकर, कोविड-19 संकट से विमानन उद्योग को 201 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
आईएटीए के उप महानिदेशक कॉनराड क्लिफोर्ड ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा अब भी संकटग्रस्त है और साल 2019 के स्तर की तुलना में साल 2021 में सिर्फ 22 प्रतिशत होगी। विमानन उद्योग के सूत्रों के अनुसार, इस समय भारत से कोविड से पहले की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित की जा रही हैं। देश में इस समय करीब 70 प्रतिशत घरेलू उड़ानें संचालित की जा रही हैं। हालांकि, भारत ने लगभग 28 देशों के साथ ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत विशेष उड़ानों की मंजूरी दी है।