नई दिल्ली, 24 मार्च 2025 : एक मई से एटीएम इस्तेमाल करने वालों को थोड़ा ज्यादा पैसा देना पड़ सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि अगर आप अपने बैंक के अलावा किसी और बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं या बैलेंस चेक करते हैं तो आपको ज्यादा चार्ज लगेगा। व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर्स के कहने पर और आरबीआई की मंजूरी के बाद ये बदलाव होने जा रहा है।
1 मई से एटीएम इस्तेमाल करने पर लगने वाले चार्ज बढ़ जाएंगे। कैश निकालने का चार्ज 17 रुपये से बढ़कर 19 रुपये हो जाएगा। बैलेंस चेक करने का चार्ज 6 रुपये से बढ़कर 7 रुपये हो जाएगा। ये चार्ज तब लगेंगे जब आप महीने में मिलने वाली मुफ्त लिमिट खत्म कर लेंगे। मेट्रो शहरों में पांच और नॉन-मेट्रो शहरों में तीन मुफ्त ट्रांजैक्शन मिलते हैं।
यह बढ़ोतरी आरबीआई की मंजूरी से की गई है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के एक प्रस्ताव पर यह आधारित है। व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर्स फीस बढ़ाने के लिए दबाव डाल रहे थे। उनका कहना था कि पुरानी फीस से बढ़ते खर्चों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। छोटे बैंकों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा। कारण है कि वे अपने सीमित एटीएम नेटवर्क के कारण दूसरे बैंकों के एटीएम पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। इंटरचेंज फीस बढ़ने से ग्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा। इंटरचेंज फीस वह रकम है जो एक बैंक दूसरे बैंक को तब देता है जब कोई ग्राहक दूसरे बैंक का एटीएम इस्तेमाल करता है।