इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आतंकवाद से जुड़े मामले में गिरफ्तारी से फौरी राहत मिल गई है।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार यानी 25 अगस्त तक उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए जमानत दे दी है। रविवार को इमरान पर एंटी टेरर लॉ के तहत केस दर्ज हुआ था। अप्रैल में पीएम की कुर्सी गंवाने के बाद से इमरान कई बड़ी रैलियां कर चुके हैं। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ इमरान की पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं, समूचा विपक्ष भी एकजुट है। इमरान की गिरफ्तारी पाकिस्तान में नया सियासी संकट ला सकती है।
क्या है मामला: इमरान ने शनिवार को इस्लामाबाद में रैली के दौरान सरकारी संस्थानों खासकर पुलिस और न्यायपालिका को निशाने पर लिया था। सरकार ने भड़काऊ भाषण माना है।
इमरान पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने महिला जज और इस्लामाबाद पुलिस के सीनियर अफसरों को धमकी दी है। इमरान भाषणों से जनता को सरकार, कोर्ट, सेना के खिलाफ भड़काना चाहते थे।
इमरान पर एंटी टेररिजम ऐक्ट के सेक्शन 7 के तहत केस दर्ज हुआ। इमरान के भाषणों के सीधे प्रसारण पर रोक लगा दी गई है। अगर इमरान दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें उम्रकैद और फांसी तक हो सकती है।