प्रहरी संवाददाता, मुंबई। सरकार डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत देश में साल 2023-24 तक आधार को भूमि रिकॉर्ड के साथ जोड़ेगी। राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) एवं विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या को भी लागू करेगी, जिससे कि जमीन के अभिलेखों को एकीकृत किया जा सकेगा। राजस्व और पंजीकरण को जोड़ने की पारदर्शी व्यवस्था को बनाने के लिए इस योजना को पूरा किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) प्रणाली में प्रत्येक भूखंड के लिए 14 अक्षर-अंकीय विशिष्ट पहचान (आईडी) होगी।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के अनुसार, डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) में काफी प्रगति हुई है। बुनियादी जरूरतों से जुड़े लक्ष्यों को हासिल किया गया है, लेकिन राज्य अभी तक इस कार्यक्रम के सभी कारकों को 100 प्रतिशत पूरा नहीं कर पाए हैं।
गौरतलब है कि डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) को 21 अगस्त 2008 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी। एक अप्रैल 2016 को इसे केंद्रीय सेक्टर योजना के रूप में स्वीकृति मिली, जिसमें केंद्र से 100 प्रतिशत वित्त पोषण का प्रावधान किया गया। इस कार्यक्रम को मार्च 2021 पूरा होना था, लेकिन अब इसे वर्ष 2023-24 तक विस्तार दिया गया है।

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