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आईआईपी की ग्रोथ 8 फीसदी घटी, महंगाई दर 7.34 फीसदी बढ़ी

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मैन्युफैक्चरिंग की कमजोर ग्रोथ, माइनिंग और पावर जेनरेशन सेक्टर में कामकाज कम

 

नई दिल्ली। औद्योगिक उत्पादन अगस्त में 8 फीसदी घट गया है, जबकि महंगाई दर लगातार बेकाबू होती जा रही है। मैन्युफैक्चरिंग की कमजोर ग्रोथ, माइनिंग और पावर जेनरेशन सेक्टर में कामकाज कम होने से आईआईपी की ग्रोथ में कमी आई है। आईआईपी के आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रोडक्शन 8.6 फीसदी कमजोर हुआ है। वहीं माइनिंग सेक्टर में 9.8 फीसदी और पावर सेगमेंट में 1.8 फीसदी की गिरावट रही है। सोमवार को मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन ने यह आंकड़े जारी किए हैं।

एनएसओ ने जारी किए आंकड़े
गौरतलब है कि खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर महीने में बढ़कर 7.34 प्रतिशत रही। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर अगस्त में 6.69 प्रतिशत और सितंबर 2019 में यह 3.99 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से सोमवार को आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में 10.68 प्रतिशत रही जो अगस्त में 9.05 प्रतिशत थी। पिछले साल अगस्त में आईआईपी की ग्रोथ 1.4 फीसदी घटी थी। इस साल जुलाई में आईआईपी की ग्रोथ में 10.4 फीसदी की कमी आई थी, जो जून के मुकाबले बेहतर थी। जून 2020 में आईआईपी की ग्रोथ में 15.7 फीसदी की कमजोरी रही।

औद्योगिक उत्पादन अगस्त में 8 प्रतिशत गिरा
विनिर्माण, खनन और विद्युत क्षेत्र का उत्पादन कम रहने से अगस्त माह में औद्योगिक उत्पादन में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन की ओर से बताया गया कि आईआईपी के आंकड़ों को कोरोना वायरस संक्रमण से पहले के महीनों से तुलना करना गलत होगा। मिनिस्ट्री ने कहा कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था खुल रही है, उसका फायदा भी हो रहा है। प्रतिबंधों में धीरे धीरे ढील दिये जाने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों में उसी के अनुरूप सुधार देखा गया है। यह सुधार अलग स्तर पर और आंकड़ों की रिपोर्टिंग के स्तर पर भी देखा गया है।


महंगाई दर में इजाफा
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने के कारण महंगाई दर में इजाफा हुआ है। सितंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.34 फीसदी पहुंच गई। इससे एक महीना पहले अगस्त में यह 6.69 फीसदी थी। इस बार रिजर्व बैंक ने भी पॉलिसी रेट की समीक्षा करते हुए महंगाई का ध्यान रखा। हालांकि महंगाई दर रिजर्व बैंक के टारगेट से ज्यादा है। इसीलिए लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया।


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