अखिलेश और अजय सिंह बिष्ट के बीच होर्डिंग वार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर केस दर्ज किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई के बाद मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ एफआईआर का मुद्दा एक राजनीतिक विवाद बन गया है। राज्य की राजधानी में सोमवार सुबह एक होर्डिंग लगा है, जिसमें एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर है, और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट की तस्वीर है। 1090 क्रॉसिंग पर होर्डिंग में दिलचस्प कैप्शन लिखा गया है।
पूर्व सीएम अखिलेश की तस्वीर पर कैप्शन है ‘मुकदमा लगाए’ और उनके खिलाफ लगाए गए आईपीसी की धाराएं वहां वर्णित हैं, तो वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री की तस्वीर पर कैप्शन के रूप में ‘मुकदमा हटाए’ अंकित है। अजय सिंह बिष्ट के खिलाफ हटाए गए आईपीसी की धाराओं का वर्णन है।
अखिलेश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब वह सत्ता में लौटेंगे, तो कथित फर्जी मुठभेड़ों और हिरासत में हुई मौतों की जांच के आदेश देंगे। उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। विपक्ष को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।’
बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ मीडियाकर्मियों ने उग्रता के बाद उनके साथ कथित तौर पर मारपीट की गई। इस मामले में अखिलेश यादव और 20 अन्य के खिलाफ मुरादाबाद में मामला दर्ज किया गया है। हंगामा करनेवाले कुछ पत्रकारों पर भी मामला दर्ज कराया गया है।