मुंबई। रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल महामारी के कारण देश के प्रमुख 7-8 शहरों में आवासीय बिक्री में 40-50 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इस साल कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने दोबारा लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। इससे रियल एस्टेट की रिकवरी पर ग्रहण लग सकता है। पिछले कुछ साल से इस क्षेत्र को विभिन्न चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। लेकिन इसके बावजूद पिछले साल सरकार की स्टैंप ड्यूटी में दी गई रियायत के बाद रियल एस्टेट इंडस्ट्री की बिक्री में तेजी आई। आवासीय और वाणिज्यिक दोनों ही खंडों में अच्छी बिक्री देखने को मिली है।
क्रेडाई के पदाधिकारियों ने कहा कि देश के सभी राज्यों में स्टैंप शुल्क रियायतें, रियल्टी क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे की स्थिति, आवासीय एवं वाणिज्यिक दोनों ही खंडों के लिए जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट, एनवायरमेंट क्लीयरेंस और आसान ऋण उपलब्धता की मांग करेगी। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के बीच, रियल एस्टेट उद्योग को नए अवसरों का पता लगाना होगा। इसके साथ ही क्रेडाई ने रियल इस्टेट में नए स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने के लिए इनक्यूबेशन एवं एक्सेलरेशन सेंटर शुरू करने पर सहमति जताई है। इसके लिए अलग से फंड जुटाए जाएंगे। क्रेडाई खुद का डेटा एसिमिलेशन सेंटर भी बनाएगा।