बर्क परमिट पर अमेरिका में यह रही है शिकायतकर्ता
वाशिंगटन। ,अमेरिका में रहनेवाली एक भारतीय महिला ने कार्य परमिट जारी करने में कथित देरी के लिए अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। महिला ने प्राधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे कम से कम 75,000 लंबित अप्रकाशित रोजगार प्राधिकार दस्तावेजों (ईएडी) को दबाए बैठे हैं।
भारतीय नागरिक रंजीता सुब्रमण्या एच-4 आश्रित वीजा पर अमेरिका में रह रही हैं। उनके पति विनोद सिन्हा एन-1बी कार्य वीजा पर अमेरिका में निवास कर रहा है। रंजीता ने ओहायो में एक संघीय अदालत में मामला दर्ज कराया है कि उसके एच-4 दर्जे की सीमा बढ़ाने और रोजगार प्राधिकार दस्तावेज के निवेदन को सात अप्रैल को मंजूरी दी गई थी, लेकिन उन्हें अभी तक काम करने की अनुमति संबंधी कार्ड नहीं मिला है। उनके ईएडी कार्ड की अवधि सात जून, 2020 को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद उन्हें काम करना बंद करना पड़ा।
रंजीता के वकील ने कहा, ‘‘रंजीता को अब तक ईएडी कार्ड नहीं मिला है और वह काम नहीं कर सकतीं। सबसे खराब बात यह है कि उनके नियोक्ता ने उसे अधिसूचित किया है कि यदि वह नौ अगस्त, 2020 तक रोजगार की अनुमति संबंधी सबूत मुहैया नहीं कराती हैं, तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा।’’ एच-4 वीजा, एन-1बी वीजा धारकों के परिवार के निकट सदस्यों को दिया जाता है। रंजीता ने आरोप लगाया कि यूएससीआईएस ने कम से कम 75,000 ईएडी कार्ड को रोक रखा है।