Lनई दिल्ली। भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रख्यात गायक पंडित जसराज का सोमवार को अमेरिका के न्यू जर्सी में निधन हो गया। वह 90 साल के थे। पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज ने यह जानकारी दी।
बेटी ने दी जानकारी
पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज ने एक बयान जारी कर कहा- “अपार दुख के साथ, हम सूचित करते हैं, कि संगीत मार्तण्ड पंडित जसराज जी ने सोमवार सुबह 5:15 बजे अमेरिकी समयानुसार कार्डियक अरेस्ट के चलते न्यू जर्सी, अमेरिका में अंतिम सांस ली। भगवान कृष्ण ने स्वर्ग के दरवाजों के माध्यम से उनका प्यार से स्वागत किया, जहां पंडित जी अब ओम नमो भगवते वासुदेवाय केवल अपने प्रिय भगवान के लिए गाएंगे। हम प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा अनंत संगीत शांति में रहे। आपके विचारों और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद। पंडित जसराज जी का परिवार और मेवाती घराने के छात्र।”
मिल चुके हैं कई पुरस्कार
पंडित जसराज अपने जीवन काल में पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार आदि सम्मानों से नवाजे गए थे। पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हिसार में हुआ था। सिर्फ चार साल की ही उम्र में पिता का देहांत हो जाने के बाद उनके बड़े भाई ने उनका पालन पोषण किया। पिता के गुजर जाने के बाद उनके बड़े भाई पंडित प्रताप नारायण ने तबले की संगत के साथ उनका प्रशिक्षण शुरू किया। पंडित जसराज ने 14 साल की उम्र से गायक के रूप में प्रशिक्षण शुरू किया इससे पहले वह तबला वादक ही थे। संगीत की दुनिया में अपने 80 साल के सफर में पंडित जसराज ने भारत, कनाडा और अमेरिका में संगीत की शिक्षा दी। वहीं, उनके कई शिष्य उल्लेखनीय संगीतकार भी बने. पंडित जसराज का संबंध मेवाती घराने से था।
हासिल की थी ये अनूठी उपलब्धि
पंडित जसराज ने अपने जीवनकाल में अनूठी उपलब्धि हासिल की थी। उन्होंने 82 साल की उम्र में अंटार्कटिका के दक्षिणी ध्रुव पर अपनी प्रस्तुति दी थी, जिसके बाद वह सातों महाद्वीपों पर कार्यक्रम करने वाले पहले भारतीय बन गए। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने वर्ष 2006 में खोजे गए हीन ग्रह वर्ष 2006 वीपी 32 (VP32) को पंडित जसराज के सम्मान में ‘पंडितजसराज’ नाम दिया था।