समाचार प्रहरी, मुंबई
न्याय दिलाने के मामले में महाराष्ट्र देश में सबसे बेहतर साबित हुआ है, तो वहीं उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी रहा है। हालांकि न्याय के चार अहम मानदंडों- पुलिस, जेल, जुडिशरी और कानूनी सहायता पर महाराष्ट्र का प्रदर्शन 5.77 अंक ही आंका गया है। इस सर्वे में देश की न्याय व्यवस्था की मुश्किलों का जिक्र किया गया है।
टाटा ट्रस्ट के हालिया सर्वे को लेकर रिटायर्ड जस्टिस मदन लोकुर ने उम्मीद जताई है कि इस रिपोर्ट का इस्तेमाल पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, न्याय मुहैया कराने और कानूनी सहायता देने के क्षेत्र में मौजूद कमियों को दूर करने में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज कॉल फॉर ऐक्शन की सख्त जरूरत है। जस्टिस डिलिवरी सिस्टम को बेहतर करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय न्यायालयों में महिला जजों व वकीलों की कम हिस्सेदारी को निराशाजनक बताया। उच्च न्यायालयों में महिला न्यायाधीशों की संख्या काफी कम है।
टाटा ट्रस्ट की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020 (आईजेआर 2020) गुरुवार को जारी हुई है। महाराष्ट्र इस सूची में पहले स्थान पर काबिज है। इसके बाद तमिलनाडु (5.73), तेलंगाना (5.64) और पंजाब (5.41) क्रमश: दूसरे, तीसरे और चौथे पायदान पर काबिज हैं। केरल पिछले साल दूसरे पायदान पर था, जो इस साल तीन पायदान फिसल कर पांचवे स्थान पर पहुंच गया है। गुजरात (5.17) इस सूची में छठें पायदान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 3.15 अंक के साथ सबसे निचले यानी 18वें स्थान पर है। पिछले साल भी उत्तर प्रदेश इसी स्थान पर काबिज था। छोटे राज्यों में इस बार त्रिपुरा (4.57) अव्वल है, इसके बाद सिक्किम (4.48), गोवा (4.42) और हिमाचल प्रदेश (4.37) को जगह मिली है।