केंद्र सरकार ने लोकसभा में कहा- चालू वर्ष के पहले 10 महीने में 2.94 लाख करोड़ का टैक्स कलेक्शन
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार का टैक्स कलेक्शन पिछले छह साल में 300 प्रतिशत से अधिक की गति से बढ़ा है। सरकार ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार ने मोदी सरकार के आने के पहले साल में 2014-15 के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क से कुल 29,279 करोड़ रुपये और डीजल पर उत्पाद शुल्क से 42,881 करोड़ रुपये अर्जित किए थे। मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीने के दौरान पेट्रोल और डीजल पर कर संग्रह बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
राजस्व में 12 फीसदी की बढ़त
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार का टैक्स कलेक्शन पिछले छह साल में 300 प्रतिशत से अधिक की गति से बढ़ा है। प्राकृतिक गैस पर एक्साइज ड्यूटी से सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में 74,158 करोड़ रुपये एकत्र किए थे। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 की अवधि में यह आंकड़ा बढ़कर 2.95 लाख करोड़ रुपये हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस पर कुल राजस्व का प्रतिशत वित्त वर्ष 2014-15 में जहां 5.4 प्रतिशत था, वह मौजूदा वित्त वर्ष में 12.2 प्रतिशत बढ़ा है।
उन्होंने बताया कि पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क वर्ष 2014 में 9.48 रुपये प्रति लीटर से था, जिसे बढ़ाकर अब 32.90 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जबकि डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपये लीटर की तुलना में बढ़ाकर 31.80 रुपये कर दिया गया है। पेट्रोल की मौजूदा खुदरा कीमत का 60 फीसदी हिस्सा टैक्स के रूप में वसूला जाता है, जबकि इसमें एक्साइज ड्यूटी के रूर में खुदरा मूल्य के 36 प्रतिशत तक मिलता है। इसी तरह, एक लीटर डीजल की कीमत में खुदरा बिक्री के जरिए 53 प्रतिशत से अधिक का टैक्स मिलता है, जिसमें 39 प्रतिशत टैक्स केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में मिलता है।