ऑडी, फॅार्च्यूनर और बीएमडब्ल्यू जैसी 112 लग्जरी गाड़ियां बरामद
लखनऊ। जर्जर व पुराने वाहनों के इंजन व चेसिस नंबर पर चोरी की गाड़ियां बेचने वाले गैंग के सात और सदस्यों को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की 62 लग्जरी कारें बरामद की हैं। इससे पहले 21 जून को पुलिस ने गैंग का भंडाफोड़ करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 50 गाड़ियां बरामद की गईं। लखनऊ पुलिस इस मामले में कुल 112 गाड़ियां बरामद कर चुकी है। चोरी के वाहनों की देश में यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। ऑन डिमांड गाड़ी चुराने वाले तीन गिरोह भी चिन्हित किए गए हैं। इसमें एक लेडी डॉन का गैंग भी शामिल है।
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि 21 जून को चिनहट पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश करते हुए कार बाजार डीलरों, स्कैप कारोबारी, ब्रोकरों व वाहन चोरों को पकड़ा था। इनसे पूछताछ में गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों के नाम पता चले थे। वहीं, जांच में यह भी सामने आया था कि कानपुर के कई स्पेयर व ऑटो पार्ट कारोबारी चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त में शामिल हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस व क्राइम ब्रांच की कई टीमें लगाई गई हैं।
पूछताछ में खुलासा
पुलिस ने कमता तिराहे के पास से गैंग के सदस्य कानपुर के नजीराबाद निवासी सतपाल सिंह और फजलगंज निवासी मनोज कुमार उर्फ बऊआ को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनके पांच साथी एक फारच्यूनर गाड़ी की डील करने के लिए लखनऊ आए हैं और पीजीआई थानाक्षेत्र के कल्ली पश्चिम इलाके में मौजूद हैं। इसके बाद पुलिस ने कल्ली पश्चिम स्थित सपना कार बाजार के पास दबिश देकर फारच्यूनर में सवार पांच अभियुक्तों कानपुर के चमनगंज निवासी ऐनुलहक, विकास जायसवाल, रेल बाजार निवासी इसरार, बजरिया निवासी जियाउल हक और नौबस्ता के विनोद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। बाद में आरोपियों की निशानेदही पर अलग-अलग स्थानों पर डम्प करके रखी गई चोरी की 62 लग्जरी गाड़ियां बरामद की गईं।
ऑटो पार्ट के व्यवसाय की आड़ में करते थे यह धंधा
डीसीपी पूर्वी सोमेन वर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में मनोज कुमार, ऐनुलहक, विकास जायसवाल और जियाउल हक की कानपुर नगर में ऑटो व स्पेयर पार्ट्स की दुकान है। इसकी आड़ में यह लोग चोरी के वाहनों का धंधा करते थे। वह लोग चोरी की गाड़ियों के फर्जी पेपर बनाकर ग्राहकों को बेचने का काम करते हैं।
डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में सतपाल सिंह इनका लीडर है। वह कई वर्षों से कबाड़ और चोरी की गाड़ियों को खरीदने का काम करता है। इसके अलावा इसरार कार का मैकेनिक है और ग्राहकों को तलाशने का काम करता है। वहीं, विनोद शर्मा का कानपुर में गाड़ियों की डेन्टिंग-पेटिंग का वर्कशॉप है। इसके अलावा वह गाड़ियां चुराने और चोरी की कारों पर कंडम वाहनों का इंजन व चेसिस नंबर डालने का काम करता था।
साल में दो बार बैंकॉक में होती थी मीटिंग
एडीसीपी अमित कुमार ने बताया कि इस मामले में 21 जून को गिरफ्तार करके जेल भेजे गए मोहम्मद रिजवान के बैंकॉक में होटल और रेस्त्रां हैं। जांच में सामने आया कि गैंग से जुड़े सभी लोग साल में दो बार बैंकॉक जाते थे। इस दौरान वह लोग रिजवान के होटल में ही रुकते थे। इसके अलावा अन्य वाहनों की खेप के संबंध में बैठक होती थी। एसीपी ने बताया कि सोमवार देर रात गिरफ्तार किए गए मनोज कुमार और विकास जायसवाल हाल ही में बैंकॉक होकर आए थे। उनकी ट्रैवेल हिस्ट्री से इसके सबूत मिले हैं।
गैंग के अन्य सदस्यों के नाम मिले
एसीपी विभूतिखण्ड स्वतंत्र सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में गैंग के अन्य लोगों के नाम पता चले हैं। इसमें मोहम्मद कामिल, मनीष टंडन, अबरार, अफजाल, राजू शर्मा, आरिफ, शिबू, रोमी पाल सिंह और संदीप मारवा शामिल हैं। इनकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
लेडी डॉन के गुर्गें समेत तीन गैंग चिन्हित
एसीपी स्वतंत्र सिंह ने बताया कि गैंग के लिए ऑन डिमांड गाड़ी चुराने वाले तीन गिरोह चिन्हित किए गए हैं। इसमें लेडी डॉन श्वेता गुप्ता का गैंग भी शामिल है। जांच में सामने आया कि आरोपी विनोद शर्मा पहले लेडी डॉन के गैंग में ही काम करता था। लेकिन, कंडम वहनों के चेसिस नंबर को चोरी के वाहनों पर कॉपी करके बेचने के धंधे में ज्यादा कमाई हो रही थी। लिहाजा विनोद इस गैंग से जुड़ गया था। एसीपी ने बताया कि वाहन चोरों की सूची बनाई जा रही है।विभिन्न जनपदों की पुलिस के सहयोग से सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।