मुंबई। चीन के साथ सीमा विवाद पर शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी देश चीन को जवाब देने के लिए भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निर्भर रहने के बजाय खुद ही ‘आत्मनिर्भर’ होना पड़ेगा। शिवसेना ने चीन के साथ सभी व्यापारिक संबंधों को खत्म करने की सलाह केंद्र सरकार और अपने पूर्व सहयोगी को दिया है।
कारोबारी संबंध खत्म करने की सलाह
शिवसेना ने कहा कि चीन के साथ कारोबारी संपर्क खत्म कर लेना चाहिए, अन्यथा हमारे 20 बहादुर सैनिकों की कुर्बानी का अपमान होगा। शिवसेना की ओर से कहा गया कि अगर चीन के साथ लड़ाई जीतना है तो राजनीति कम होनी चाहिए और राष्ट्रीय हित ज्यादा होना चाहिए। भारत को विनिर्माण क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना होगा। औद्योगीकरण की रफ्तार बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। पूंजी के साथ बिजली व अन्य मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है। औद्योगीकरण के साथ ही कृषि सेक्टर के विकास पर जोर देना होगा।
सरकार ने चीन के तीन एमओयू को लटकाया
बता दें कि राज्य सरकार ने चीन की तीन कंपनियों के साथ किए गए 5,000 करोड़ रुपए मूल्य के एमओयू (समझौता ज्ञापन) को फिलहाल स्थगित कर दिया है। लेकिन उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में चीन की कंपनियां बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। भाजपा सरकार को भी अब कड़े रदम उठाने चाहिए। गलवान घाटी में झड़प के बाद बीएसएनएल और रेलवे ने चीनी कंपनियों के साथ संविदा खत्म कर दिया और महाराष्ट्र सरकार ने भी ऑटोमोबाइल क्षेत्र की तीन संविदाओं पर अभी रोक लगा दी है।