महाराष्ट्र में 10226 करोड़ के घाटे का बजट पेश, शराब पर टैक्स बढ़ा, पेट्रोल-डीजल पर नहीं मिली कोई राहत
समाचार प्रहरी, मुंबई।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश किए गए इस बजट में महिलाओं को बड़ी सौगात मिली है। सरकार ने महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टैंप ड्यूटी में एक फीसदी की छूट देने की घोषणा की है। हालांकि, इससे सरकारी तिजोरी पर 1,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा। महिलाओं के विकास के लिए सरकार ने 2247 करोड रुपए आवंटित किए हैं, जो केंद्र सरकार के बजट से 1398 करोड़ रुपए ज्यादा है। सोमवार को महाराष्ट्र सरकार ने 10,226 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे वाला बजट विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश किया है। पिछली बार यह घाटा 9500 करोड़ रुपये था।
पैसों की तंगी के बावजूद…
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कोरोना महामारी के दौरान साल 2021-22 के लिए राज्य का आर्थिक बजट पेश किया। महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार का यह दूसरा बजट है। इस बजट के दौरान पैसों की तंगी के बावजूद सरकार ने हर तबके को छूने का प्रयास किया है। सरकार ने शराब के टैक्स पर बढ़ोतरी कर दी है, लेकिन पेट्रोल और डीजल पर लगे स्टेट टैक्स को घटाने का कोई ऐलान नहीं किया है। हालांकि आम नागरिकों को घर देने के लिए सरकार ने 6852 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य तय किया है। स्कूली शिक्षा और खेलकूद के लिए सरकार ने 2400 करोड़ रुपए का फंड अलॉट किया है।
किसानों को ब्याज नहीं देना होगा
वित्त मंत्री पवार ने कहा कि जिन किसानों ने तीन लाख रुपये तक का लोन लिया है, उन्हें किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं देना पड़ेगा। ब्याज पूरी तरह से सरकार वहन करेगी। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य में एमबीबीएस और एमडी की सीटें बढ़ाई जाएंगी। एमबीबीएस के लिए 1990 सीटें और एमडी और एमएस के लिए 1000 सीटें बढ़ाई जाएंगी। संक्रमण वाली बीमारियों के उपचार के लिए हर जिले में अस्पताल बनाए जाएंगे। आगामी 5 साल में इस प्रोजेक्ट पर 5 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
खास लोगों के लिए है बजट
महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टी भाजपा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह बजट कुछ विशिष्ट क्षेत्रों और वर्ग के लोगों के लिए बनाया गया है। यह बजट निराश करने वाला है। किसानों को यह बताया गया था कि जो नियमित कर्ज चुका रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहन पैकेज दिया जाएगा, लेकिन इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इस बजट में किसानों को कुछ भी नहीं मिला है।