नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित “हवाला” कारोबारी नरेश जैन को करीब 20 हजार करोड़ रुपये के “हवाला” लेनदेन से जुड़े़ एक धनशोधन मामले में जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि हवाला कारोबारी जैन को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। उसे अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। इस मामले में कम से कम 600 बैंक खाते और कई ‘शेल’ या संदिग्ध कंपनी ईडी की जांच के घेरे में हैं। इसे देश के सबसे बड़े हवाला और व्यापार आधारित धनशोधन मामलों में से एक बताया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि जैन और उसके सहयोगियों की “हवाला” या अवैध वित्तीय लेनदेन के लिए जांच की जा रही है जिसमें विदेशी भी शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान करीब 20 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। एजेंसी को मामले में आरोपियों के काम करने के एक नियमित तरीके का पता चला है जिसके तहत वे ‘‘झूठे आयात एवं निर्यात के फर्जी चालान निकालते थे” तथा जैन कथित तौर पर इसमें मुख्य व्यक्ति था।
दिल्ली का यह उद्योगपति लंबे समय से जांच एजेंसी के रडार पर था और साल 2016 में ईडी ने विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन के मामले में उसे 1200 करोड़ रुपये का नोटिस भी जारी किया था। एजेंसियों के अनुसार, जैन वर्षों से कथित तौर पर धनशोधन और “हवाला” के पैसे के लेनदेन में लिप्त है। साथ ही उस पर मादक पदार्थ गिरोहों को भी धन मुहैया कराने का आरोप है और उसे पूर्व में मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार भी किया था।
ईडी का धनशोधन का मामला एनसीबी की शिकायत पर ही आधारित है। एजेंसी की जैन पर साल 2009 से ही नजर है जब उसने अपना काम दुबई से भारत स्थानांतरित किया था।
नरेश जैन पर करीब 11 हजार करोड़ रुपये का विदेशी हवाला कारोबार करने का भी आरोप है। नरेश के तार अंडरवर्ल्ड से जुड़े हैं। दुबई और यूके पुलिस को भी नरेश को तलाश कर रही थी।