डिजिटल न्यूज डेस्क, मुंबई। पश्चिम रेलवे साल 2030 तक ‘नेट जीरो कार्बन एमिटर’ बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है। सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए पिछले दो साल में 9.76 करोड़ रुपये बचाए हैं।
जनसंपर्क विभाग के अनुसार, अगस्त-2024 तक पश्चिम रेलवे के सभी 6 मंडलों में 229 स्थानों (136 स्टेशनों और 93 सेवा/कार्यालय भवनों/शेड/कारखानों) पर 13.08 MWp के सौर पैनल लगाए जा चुके हैं। इनमें मुंबई सेंट्रल मंडल पर 50 स्थान, वडोदरा मंडल पर 35 स्थान, रतलाम मंडल पर 60 स्थान, अहमदाबाद मंडल पर 16 स्थान, राजकोट मंडल पर 34 स्थान और भावनगर मंडल पर 34 स्थान शामिल हैं।
इससे राजस्व की भी काफी बचत हुई है। यह लगभग 5.25 लाख पेड़ों की कार्बन अवशोषण क्षमता के बराबर है।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में पश्चिम रेलवे के 6 मंडलों पर सौर पैनलों ने 12.36 MU (मिलियन यूनिट) बिजली पैदा की है, जो 9888 टन से अधिक कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के बराबर है और इसके परिणामस्वरूप कुल 6.43 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
चालू वित्त वर्ष 2024-25 (अगस्त तक) के दौरान, 5.82 MU (मिलियन यूनिट) बिजली का सौर ऊर्जा उत्पादन हुआ, जो 4655 टन से अधिक कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के बराबर है और इसके परिणामस्वरूप कुल 3.33 करोड़ रुपये की बचत हुई है।